Honda Strong Hybrid Cars: अगर आप अपनी अगली कार खरीदने का सपना देख रहे हैं और दिल ही दिल में चाहते हैं कि वह पेट्रोल पर भारी न पड़े, तो होंडा की आने वाली स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारें आपके लिए एक नई उम्मीद की किरण बन सकती हैं। पिछले कुछ सालों में होंडा ने अपनी सिटी e:HEV हाइब्रिड सेगमेंट में एंट्री तो की थी, लेकिन इसकी ऊंची कीमत ने लोगों का दिल पूरी तरह नहीं जीता। अब कंपनी ने तय किया है कि वे भारतीय ग्राहकों की जेब और जरूरत को ध्यान में रखते हुए बिल्कुल नई हाइब्रिड कारें लॉन्च करेंगी, जो न सिर्फ फ्यूल एफिशिएंट होंगी बल्कि कीमत में भी पहले से काफी सस्ती होंगी।
होंडा की नई PF2 प्लेटफॉर्म पर बनेगी भविष्य की हाइब्रिड गाड़ियों की दुनिया
होंडा ने अपने आने वाले मॉडलों के लिए PF2 नाम का एक नया मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म तैयार किया है। यह प्लेटफॉर्म खास तौर पर हाइब्रिड तकनीक के लिए डिजाइन किया गया है। PF2 की सबसे बड़ी खूबी यह होगी कि इसमें स्थानीय उत्पादन और पार्ट्स का ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे लागत में कमी आएगी और गाड़ियां ज्यादा किफायती दाम में उपलब्ध हो पाएंगी। आने वाले कुछ सालों में इसी प्लेटफॉर्म पर आधारित कई नई कारें भारतीय बाजार में उतरेंगी। इनमें नई जनरेशन की होंडा सिटी सेडान, एक 7-सीटर एसयूवी और एक मिडसाइज एसयूवी शामिल होंगी।
क्यों फ्लॉप हुई सिटी e:HEV और क्या नया बदलाव लाएगा होंडा?
सिटी e:HEV ने 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन और एडवांस हाइब्रिड टेक्नोलॉजी के साथ 124 बीएचपी की पावर और 26.5 किलोमीटर प्रति लीटर का शानदार माइलेज दिया। लेकिन इसकी एक्स-शोरूम कीमत करीब 20.85 लाख रुपये होने के चलते यह ज्यादातर मिडिल क्लास परिवारों की पहुंच से बाहर रह गई। यही वजह रही कि बिक्री के आंकड़े उतने उत्साहजनक नहीं निकले, जितनी कंपनी ने उम्मीद की थी। इस बार होंडा की योजना है कि ज्यादा से ज्यादा लोकल पार्ट्स और उत्पादन से लागत को नियंत्रित किया जाए, ताकि कीमतें 15 से 30 लाख रुपये के बीच रखी जा सकें।
बढ़ती हाइब्रिड डिमांड में होंडा की तैयारी और दूसरी कंपनियों की चुनौती
होंडा की यह रणनीति ऐसे समय में आ रही है जब देश में सीएएफई (कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी) एमिशन नॉर्म्स लागू होने वाले हैं। अगले कुछ सालों में जब यह नियम सख्त होंगे, तो पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की जगह हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड तेजी से बढ़ेगी। होंडा को पता है कि अगर अभी से सही कदम नहीं उठाए, तो बाजार में उसकी पकड़ कमजोर हो सकती है।
सिर्फ होंडा ही नहीं, बल्कि हुंडई, किया और स्कोडा-वोक्सवैगन जैसी बड़ी कंपनियां भी इसी तैयारी में जुटी हैं। हुंडई अपनी नई क्रेटा में 2027 तक स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड टेक्नोलॉजी लाएगी, वहीं किया की सेल्टोस का नया वर्जन 2026 में हाइब्रिड सेगमेंट में कदम रखेगा। दूसरी ओर स्कोडा-वोक्सवैगन की हाइब्रिड कारें 2028 तक भारतीय बाजार में आने की उम्मीद है।
हाइब्रिड गाड़ियों से उम्मीदें और ग्राहकों के लिए एक सुनहरा मौका
अगर आप एक ऐसी गाड़ी चाहते हैं जो लंबी दूरी पर भी आपका खर्च आधा कर दे, तो स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड गाड़ियां आपके लिए वरदान साबित हो सकती हैं। होंडा की नई जनरेशन की सिटी हाइब्रिड या उसकी नई एसयूवी सिर्फ जबरदस्त माइलेज ही नहीं देंगी, बल्कि आपको पेट्रोल के बढ़ते दामों की चिंता से भी काफी हद तक राहत दिला सकती हैं। साथ ही ये गाड़ियां साइलेंट ड्राइव और बेहतरीन टेक्नोलॉजी से लैस होंगी, जिससे आपका हर सफर और भी आरामदायक बन जाएगा।
भारतीय बाजार में होंडा ने जो नया गेम प्लान बनाया है, उसमें तकनीक और किफायती दाम का सही संतुलन नजर आता है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चला, तो अगले दो-तीन सालों में हम सड़कों पर होंडा की कई नई स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड गाड़ियां दौड़ती देखेंगे। इनका मुकाबला हुंडई, किया और स्कोडा जैसी कंपनियों से होगा, लेकिन इस स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का फायदा आखिरकार ग्राहकों को ही मिलेगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारियां सार्वजनिक स्रोतों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। किसी भी गाड़ी को खरीदने से पहले कृपया कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी डीलरशिप से पुख्ता जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
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