C-295: जब बात देश की सुरक्षा की होती है, तो भारत कभी भी आधे मन से कोई फैसला नहीं करता। चाहे रक्षा क्षेत्र में वर्षों से चला आ रहा रूस हो या फ्रांस जैसे आधुनिक हथियार आपूर्ति करने वाले देश, भारत ने हमेशा वही रास्ता चुना है जो उसकी सैन्य ताकत को आगे बढ़ाता है। अब इसी रणनीतिक सोच के तहत भारत ने एक और अहम कदम उठाया है — स्पेन से मिले अत्याधुनिक C-295 सैन्य परिवहन विमान, जो आने वाले समय में भारत की रक्षा क्षमताओं को कई गुना बढ़ाने का दम रखते हैं।
भारत को मिला C-295 का 16वां और आखिरी एयरक्राफ्ट
शनिवार को भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन रहा, जब उसे स्पेन से C-295 एयरक्राफ्ट की अंतिम डिलीवरी मिली। स्पेन स्थित भारतीय दूतावास ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि अब कुल 16 C-295 विमान भारत को मिल चुके हैं। ये सभी विमान भारतीय वायुसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए खासतौर पर डिजाइन किए गए हैं। यह सौदा केवल एक डिलीवरी नहीं, बल्कि भारत की रक्षा योजनाओं में तकनीक और आत्मनिर्भरता का सम्मिलन है।
क्या है C-295 विमान और क्यों है यह इतना खास?
C-295 एक आधुनिक सैन्य परिवहन विमान है जो मल्टी-रोल क्षमताओं से लैस है। यह विमान 5 से 10 टन तक वजन ढोने में सक्षम है और एक बार ईंधन भरने पर लगभग 11 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह खराब या कच्चे रनवे से भी उड़ान भर सकता है और उतर सकता है। इससे यह उन इलाकों में भी मदद पहुंचा सकता है, जहां पर पारंपरिक विमानों की पहुंच कठिन होती है।
इस विमान का डिजिटल कॉकपिट, एडवांस्ड कंट्रोल सिस्टम और लो-मेंटेनेंस डिज़ाइन इसे युद्ध और आपदा दोनों परिस्थितियों में एक परफेक्ट चॉइस बनाते हैं। यह विमान पुराने हो चुके Avro एयरक्राफ्ट की जगह ले रहा है, जो अब अपनी उम्र पूरी कर चुके थे।
वायुसेना को कैसे देगा यह विमान नई शक्ति?
C-295 का सबसे बड़ा फायदा भारतीय वायुसेना को इसकी लचीलापन और क्षमता में देखने को मिलेगा। इसमें एक साथ 71 सैनिक या 48 पैराट्रूपर्स को ले जाया जा सकता है। यह जरूरत पड़ने पर एयर एम्बुलेंस की तरह भी काम आ सकता है, जिसमें मेडिकल स्ट्रेचर और ज़रूरी उपकरण फिट किए जा सकते हैं।
आपदा की स्थिति में, जैसे बाढ़ या भूकंप के समय, यह राहत सामग्री को तेजी से प्रभावित इलाकों में पहुंचाने में सक्षम है। इसके अलावा, यह विमान हवा से सीधे पैराशूट के जरिए सैनिकों या सामान की डिलीवरी भी कर सकता है, जो सीमावर्ती और दुर्गम इलाकों में बेहद उपयोगी साबित होता है।
भारत में ही तैयार होंगे 40 C-295 विमान, आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम
भारत ने सितंबर 2021 में Airbus Defence & Space के साथ कुल 56 C-295 विमानों के निर्माण और आपूर्ति के लिए समझौता किया था। इनमें से 16 विमान स्पेन से सीधे मंगाए गए, जो अब पूरी तरह भारत को मिल चुके हैं। अब अगला बड़ा अध्याय शुरू होगा जब शेष 40 विमान भारत में ही बनाए जाएंगे।
ये विमान गुजरात के वडोदरा में स्थित TATA Advanced Systems Limited (TASL) के प्लांट में तैयार किए जाएंगे। यह संयंत्र भारत का पहला निजी क्षेत्र का सैन्य विमान निर्माण केंद्र है। इस प्रोजेक्ट में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत डायनामिक्स लिमिटेड और देश के कई MSME भी भागीदारी करेंगे। इससे न केवल घरेलू रक्षा उत्पादन को बल मिलेगा, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर भी प्राप्त होंगे।
आत्मनिर्भर भारत की रक्षा नींव और मजबूत
C-295 परियोजना भारत के उस सपने को साकार करने का हिस्सा है, जिसमें हम केवल रक्षा उपकरण खरीदने वाले देश न बनकर उन्हें बनाने वाले राष्ट्र बनें। स्पेन से तकनीक लेकर भारत में विमान निर्माण करना इस बात का प्रमाण है कि हम विदेशी सहयोग को आत्मनिर्भरता में बदलने की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं।
यह डील न केवल वायुसेना की मजबूती का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाती है कि भारत अब रणनीतिक रूप से सोचने के साथ-साथ रक्षा तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर एक बड़ा खिलाड़ी बनना चाहता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख उपलब्ध समाचार रिपोर्टों और सरकारी जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें शामिल तकनीकी विवरण और योजनाएं संबंधित संस्थाओं द्वारा समय-समय पर अपडेट की जा सकती हैं। किसी भी आधिकारिक निर्णय के लिए कृपया संबंधित स्रोत की पुष्टि अवश्य करें।
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