Apple’s Secret AI Search Tool: दोस्तों, अगर आप भी एप्पल के फैन हैं तो आपके लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। एप्पल एक बार फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में हलचल मचाने की तैयारी कर रहा है। ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी चुपचाप एक नई एआई बेस्ड वेब सर्च टूल पर काम कर रही है। इस प्रोजेक्ट को कंपनी ने इंटरनली वर्ल्ड नॉलेज आंसर नाम दिया है। बताया जा रहा है कि यह टूल जल्द ही सफारी, स्पॉटलाइट और यहां तक कि सिरी के नए वर्जन का हिस्सा भी बन सकता है।
एप्पल की एआई से जुड़ी चुनौतियां
साल 2024 में डब्ल्यूडब्ल्यूडीसी के दौरान एप्पल ने एप्पल इंटेलिजेंस पेश किया था। लेकिन उस समय यूजर्स और टेक एक्सपर्ट्स को यह फीचर उतना खास नहीं लगा जितनी उम्मीद थी। गूगल के जेमिनी और माइक्रोसॉफ्ट के कोपायलट जैसे टूल्स की तुलना में एप्पल पीछे नजर आया। तभी से कंपनी पर दबाव है कि वह एआई की रेस में अपनी गंभीरता साबित करे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक नया और एडवांस्ड सिरी फीचर 2026 तक आने की उम्मीद है। ऐसे में एप्पल ने बीच का रास्ता निकालते हुए इस नए सर्च इंजन स्टाइल टूल पर काम शुरू किया है। इससे सिरी की क्षमताएं बढ़ेंगी और कंपनी को गूगल जैसे प्रतिद्वंद्वियों पर कम निर्भर रहना पड़ेगा।
सिरी का भविष्य, क्या एप्पल खुद का एआई बनाएगा
सबसे बड़ा सवाल यही है कि एप्पल इस सर्च टूल को पूरी तरह इन हाउस तैयार करेगा या फिर किसी पार्टनर कंपनी से सहयोग लेगा। खबरें कहती हैं कि एप्पल ने सिरी के लिए गूगल जेमिनी का भी टेस्ट किया है, हालांकि अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
एप्पल के सीईओ टिम कुक ने भी संकेत दिए हैं कि कंपनी एआई से जुड़ी कंपनियों का अधिग्रहण कर सकती है। कुछ समय पहले यह खबर भी आई थी कि एप्पल, परप्लेक्सिटी एआई जैसी उभरती हुई एआई सर्च कंपनी को खरीदने की तैयारी में है।
क्यों खास है यह नया सर्च टूल
अब सवाल उठता है कि आखिर यह टूल इतना खास क्यों है।
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सालों से एप्पल ने अपना खुद का सर्च इंजन नहीं बनाया और गूगल को डिफॉल्ट सर्च प्रोवाइडर के रूप में इस्तेमाल किया।
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लेकिन अब जब एआई चैटबॉट्स और स्मार्ट सर्च का जमाना आ गया है तो एप्पल पीछे नहीं रहना चाहता।
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अगर एप्पल यह टूल सफारी और स्पॉटलाइट में जोड़ देता है तो करोड़ों आईफोन और मैक यूजर्स को सीधा फायदा मिलेगा।
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इससे लोग गूगल या माइक्रोसॉफ्ट पर निर्भर हुए बिना सीधे एप्पल के जरिए जानकारी ले पाएंगे।
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इस कदम से एप्पल सीधे गूगल जेमिनी, माइक्रोसॉफ्ट कोपायलट और ओपनएआई चैटजीपीटी जैसे बड़े नामों से टक्कर लेगा।
टेबल, एप्पल वर्ल्ड नॉलेज आंसर क्यों बन सकता है गेम चेंजर
| वजह | असर |
| एप्पल का खुद का सर्च टूल | गूगल पर निर्भरता घटेगी |
| सफारी और स्पॉटलाइट में इंटीग्रेशन | करोड़ों यूजर्स को डायरेक्ट फायदा |
| एआई बेस्ड रिजल्ट | सर्च अनुभव और स्मार्ट होगा |
| प्रतिस्पर्धा | गूगल और माइक्रोसॉफ्ट को सीधी चुनौती |
क्या सच में बदल जाएगी सर्च की दुनिया
अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है तो पहली बार एप्पल सीधे एआई सर्च की दुनिया में कदम रखेगा। अभी तक कंपनी स्मार्टफोन और हार्डवेयर पर ज्यादा फोकस करती थी, लेकिन अब हालात बदलते दिख रहे हैं।
अगर यह टूल अगले साल सिरी के नए वर्जन के साथ लॉन्च होता है तो एप्पल के पास गूगल और माइक्रोसॉफ्ट को टक्कर देने का पक्का हथियार होगा। यह बदलाव न सिर्फ आईफोन यूजर्स के लिए फायदेमंद होगा बल्कि पूरे टेक सेक्टर में एक नई रेस शुरू कर देगा।
निष्कर्ष
एप्पल का वर्ल्ड नॉलेज आंसर प्रोजेक्ट इस बात का साफ संकेत है कि कंपनी अब एआई सर्च में भी गंभीरता से उतर रही है। आने वाले समय में यह टूल हमारी रोजमर्रा की सर्चिंग आदतों को पूरी तरह बदल सकता है।
डिस्क्लेमर
यह लेख उपलब्ध मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी आधिकारिक पुष्टि नहीं है और बदल सकती है। किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक सोर्स से जानकारी प्राप्त करें।